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शनिवार को झारखंड के मुख्यमंत्री रघुबर दास और टाटा संस के अवकाशप्राप्त अध्यक्ष रतन टाटा ने काँके के सुकुरहुटू में राँची कैंसर अस्पताल एवं अनुसन्धान केंद्र (आरसीएचआरसी) की बुनियाद रखी|
यह अस्पताल राज्य सरकार द्वारा उपलब्ध कराई गई 23.5 एकड़ भूमि में 400 करोड़ रुपए की लागत से बनने जा रहा है और इसका निर्माण दो चरणों में पूरा किया जाएग| पहला चरण दो साल में पूरा हो जाने की उम्मीद है, जिसमें 50 बेड उपलब्ध कराए जाएंगे| कुल में से आधे बेड झारखंड के मरीजों के लिए आरक्षित रखे जाएंगे| आरसीएचआरसी टाटा मेमोरियल सेंटर, मुंबई के समकक्ष होगा|
सरकार ने टाटा ट्रस्ट के साथ इस अस्पताल का प्रबंधन संभालने के लिए भी एक विशेष प्रयोजन वाहन (एसपीवी) स्थापित करने के लिए समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया है| यह एसपीवी स्वास्थ्य मंत्री, मुख्य सचिव, स्वास्थ्य सचिव और टाटा ट्रस्ट द्वारा नामित तीन अन्य सदस्यों से मिल कर बनेगा.
हालांकि जमशेदपुर स्थित मेहरबाई टाटा मेमोरियल अस्पताल और राँची स्थित राजेंद्र इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज द्वारा झारखंड में पहले ही कैंसर इलाज की सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है, लेकिन यह राज्य का उन्नत सुविधाओं से लैस पहला अस्पताल होगा.
रतन टाटा ने कहा, “हर साल कैंसर के चलते लाखों लोग काल के गाल में समा जाते हैं. कैंसर का इलाज इतना महंगा पड़ता है कि लोग लड़ने की हिम्मत ही खो बैठते हैं. झारखंड सरकार की दूरदर्शिता सराहनीय है. पूर्वोत्तर भारत में बड़ी संख्या में कैंसर के मामले सामने आते हैं. यह अस्पताल कई लोगों का जीवन बचाने में अहम भूमिका निभाएगा. मुझे उम्मीद है कि अगले 20-30 सालों में हम कैंसर के चलते होने वाली मौतों पर काफी हद तक काबू पा लेंगे. हम सरकार के साथ काम करने के लिए प्रतिबद्ध हैं."
पिछले साल फरवरी में मोमेंटम झारखंड कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री दास ने पहली बार रतन टाटा से कैंसर अस्पताल की स्थापना करने का अनुरोध किया था. वह कहते हैं कि उन्होंने झारखंड में चिकित्सीय उपचार की कमी के चलते गरीबों को मरते देखा है और कई मरीजों को अक्सर आवश्यक इलाज के लिए दिल्ली और मुंबई जैसे दूर के शहरों में जाना पड़ता है. वह आगे कहते हैं, "मैं टाटा समूह से एक कर्मचारी के रूप में सेवानिवृत्त हुआ हूँ और मैं कह सकता हूँ कि टाटा देश का एकमात्र व्यावसायिक घराना है जो अपने कुल लाभ का 80 प्रतिशत जन कल्याण पर खर्च करता है."
मुख्यमंत्री ने यह भी वादा किया कि यह नया अस्पताल चालू हो जाने के बाद, केंद्र की आयुष्मान भारत योजना में शामिल कर लिया जाएगा.
इस कार्यक्रम में, मुख्यमंत्री दास ने झारखंड में 1,000 पंचायतों का विकास करने में भी टाटा समूह की सहायता का अनुरोध किया, जिसका आधा खर्च सरकार उठाएगी. इसके अतिरिक्त, उन्होंने टाटा से कोल्हन मंडल में स्ट्रीटलाइटें भी उपलब्ध कराने अनुरोध किया. स्वास्थ्य सचिव नितिन मदन कुलकर्णी के साथ समझौता ज्ञापन का आदान-प्रदान करते हुए टाटा ट्रस्ट्स के प्रबंध न्यासी आर. वेंकटरमनन ने टिप्पणी की कि टाटा समूह का झारखंड के साथ संबंध पुराना है.
टाटा स्टील के ग्लोबल सीईओ और एमडी टी. वी. नरेंद्रन ने बताया किया कि कंपनी जमशेदपुर में मेहरबाई टाटा मेमोरियल अस्पताल का उन्नयन करने पर विचार कर रही थी. “लेकिन झारखंड के मुख्यमंत्री द्वारा रांची में कैंसर अस्पताल का प्रस्ताव देने के बाद, हम इसके लिए सहमत हो गए। यह पूर्वी क्षेत्र के सबसे बड़े अस्पतालों में से एक होगा.
झारखंड के मुख्य सचिव सुधीर त्रिपाठी, जो उस समय स्वास्थ्य सचिव भी थे, ने यह जानकर संतुष्टि की भावना व्यक्त की कि वह लोगों के कल्याण में योगदान दे सकते हैं. उन्होंने कहा कि कैंसर अस्पताल से न केवल झारखंड के लोगों बल्कि पड़ोसी राज्यों के मरीजों को भी फायदा होगा.
यह लेख सर्वप्रथम द टेलीग्राफ में प्रकाशित हुआ था.
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