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"टाटा ट्रस्ट्स देश में कैंसर देखभाल के लिए प्रयासों का समर्थन करने के लिए प्रतिबद्ध है। हमारा प्रयास कैंसर के उपचार में सुधार करना, उत्तरजीविता दर को बढ़ाना, तथा और संभवत: एक दिन रोग के लिए उपचार को खोजना है।"
पिछले कई वर्षों से भारत में कैंसर के मामलों में बढ़ोतरी हुई है। 2022 में ही अनुमानत: 14.6 लाख मामलों के साथ, भविष्य में इस संख्या में बढ़ोतरी ही होगी।
भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद्ध (आईसीएमआर) द्वारा यह पूर्वानुमान व्यक्त किया गया है कि नौ भारतीयों में एक अपने जीवनकाल में इस रोग से पीड़ित हो सकता है। आईसीएमआर-राष्ट्रीय रोग सूचना विज्ञान और अनुसंधान केंद्र (एनसीडीआईआर), बैगलूरू द्वारा बनाए रखे गए राष्ट्रीय कैंसर रजिस्ट्री के अनुसार 2015 से 2025 के दौरान देश में कैंसर के मामलों में 27.7% की बढ़ोतरी होने का पूर्वानुमान है।.
भारत के विविध सामाजिक तथा भौगोलिक विस्तार में रहने वाले अधिकांश लोगों के लिए समयबद्ध तथा गुणवत्ता कैंसर देखभाल को खोज पाना मुश्किल होता है। कैंसर रोग की प्रकृति और इसके प्रबंधन से संबंधित मान्यताओं के कारण इस रोग के रोगियों तथा उनके परिवारों के जीवन पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। आमतौर पर इसकी उत्पत्ति जागरूकता के सामान्य अभाव तथा देरी से पता लगने के कारण होती है और जिसका अक्सर संबंध अवसंरचित स्वास्थ्य स्क्रीनिंग प्रोग्रामों के अभाव, कैंसर निदान और उपचार विकल्पों तक पहुंच में कमी तथा इसके साथ संबंधित उच्च लागत से होता है।
इस संबंध में अंत:क्षेपों की गहन आवश्यकता है जिससे इस बढ़ते संकट का पर्याप्त समाधान किया जा सकेगा। इसका समाधान करने के लिए, टाटा ट्रस्ट्स के कैंसर देखभाल प्रोग्राम द्वारा कम सुविधाओं वाले क्षेत्रों और देश भर में समुदायों के बीच में गुणवत्ता कैंसर देखभाल को प्रदान करने तथा साथ ही इसे वहनीय बनाने के लिए काम किया जा रहा है। राँची कैंसर अस्पताल एवं अनुसंधान केन्द्र (आरसीएचआरसी), जो कि राँची झारखंड में काँके में स्थित है, इस दिशा में एक अग्रणी कदम है।
राँची कैंसर देखभाल फांउडेशन (आरसीसीएफ) और टाटा कैंसर केयर फाउंडेशन (टीसीसीएफ) के बीच में यह एक संयुक्त पहल है और यह टाटा ट्रस्ट्स द्वारा सहायता प्राप्त अत्याधुनिक कैंसर अस्पताल है। आरसीएचआरसी में अनेक प्रकार की कैंसर उपचार सेवाएँ प्रदान की जाती हैं- जिसमें निदान, उपचार तथा प्रबंधन से लेकर प्रशामक और शल्य चिकित्सा उपरांत देखभाल शामिल है, और इसको अनुभवी तथा प्रशिक्षित चिकित्सा पेशेवरों द्वारा प्रदान किया जाता है।
राँची में इस नए कैंसर देखभाल केन्द्र द्वारा निम्नलिखित सेवाएँ उपलब्ध कराई जाएंगी:
टाटा ट्रस्ट्स की स्थापना ऐसे संस्थानों के सृजन की अभिकल्पना के साथ की गई थी जो ना केवल भारत में, बल्कि पूरे वैश्विक स्तर पर विशिष्ट कार्य-निष्पादन करके दिखाते हैं। कैंसर देखभाल के उनके मिशन की शुरुआत 1941 में मुम्बई में, टाटा मेमोरियल अस्पताल की स्थापना के साथ हुई, जो कि भारत का पहला कैंसर देखभाल केन्द्र है। तब से लेकर, कैंसर का कैसे पता लगाया जाता है, निदान किया जाता है, तथा देश में उसका उपचार किया जाता है, इन पहलुओं में बदलाव करने में टाटा ट्रस्ट्स द्वारा महत्वपूर्ण भूमिका निभाई गई है। 2012 में, ट्रस्ट्स द्वारा कोलकाता में, टाटा चिकित्सा केन्द्र की स्थापना की गई, जिसके परिणामस्वरूप, भारत के पूर्वी तथा उत्तर पूर्वी क्षेत्रों के लोगों के लिए गुणवत्तायुक्त कैंसर देखभाल तक एक्सेस में सुधार संभव हो पाया।
इस अंतर को और भी कम करने के लिए, ट्रस्ट्रस द्वारा 2017 में अपने कैंसर देखभाल प्रोग्राम को पेश किया गया। इस प्रोग्राम में खास वितरण मॉडल का प्रयोग किया जाता है ताकि भारत के कम सुविधाओं वाले क्षेत्रों, जहां पर रोगियों को अपेक्षित देखभाल उपलब्ध नहीं हो सकती है, वहां पर वहनीय और उच्च-गुणवत्ता कैंसर उपचार को प्रदान किया जा सके। अस्पतालों के नेटवर्क की स्थापना करके, टाटा ट्रस्ट्स के कैंसर देखभाल प्रोग्राम द्वारा भारत के हर हिस्से में कैंसर रोगियों को प्राथमिक, द्वितीयक और तृतीयक देखभाल प्रदान करने के लिए काम किया जा रहा है।
टाटा ट्रस्ट्स के कैंसर देखभाल और इसके विभिन्न कदमों के बारे में अधिक जानने के लिए यहां पर क्लिक करें।
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